लाडला बालक योजना: पंडालूर में आष्ठी वर्या उत्सव शुरू होने वाला है. इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनका परिवार बंदरपुर पहुंचे. कल सुबह मुख्यमंत्री शिंदे बांडुरंग की आधिकारिक महापूजा करेंगे. आइए विस्तार से जानते हैं इस महोत्सव की तैयारियों और मुख्यमंत्री के भाषण के बारे में.
मुख्यमंत्री का भाषण और देरी का कारण
मुख्यमंत्री शिंदे ने कृषि भंडारी 2024 प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत “राम कृष्ण हरि, भोला बुंदलिका वरद हरि श्री ज्ञानदेव तुकाराम” से की। उन्होंने देरी का कारण बताते हुए कहा कि वह डोंबिवली में हुए बस हादसे के पीड़ितों से मिलने गए थे.
लड़की बहन योजना और युवाओं के लिए नई पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि लड़की बहन योजना के तहत महिलाओं के खाते में हर महीने 1500 रुपये जमा किये जायेंगे. उन्होंने यह भी घोषणा की कि बच्चों के लिए एक नया कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस योजना के अनुसार:
- 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले युवाओं को 6,000 रु
- डिप्लोमा धारकों के लिए 8,000
- स्नातकों के लिए 10,000
वजीफा मासिक दिया जाएगा। यह राशि एक वर्ष तक प्रशिक्षण के दौरान दी जायेगी.
शिक्षा और रोजगार पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बालिकाओं के लिए शत-प्रतिशत नि:शुल्क उच्च शिक्षा की व्यवस्था कर रही है. साथ ही युवाओं को कारखानों और संस्थानों में प्रशिक्षण के अवसर दिए जाएंगे, जिसका खर्च सरकार वहन करेगी। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि इस तरह की परियोजना शुरू की जा रही है।
मुख्यमंत्री चुनाव में भागीदारी
14 जुलाई को मुख्यमंत्री शिंदे ने वारकरी डिवीजन के बाल्की सोहले में भाग लिया, जो बंदरपुर जा रहा था। वह करागाम्बा गांव से श्री संत निलोपराई बाल्की सोहले के साथ चले और “विथु मौली” का जाप किया। उन्होंने बुलेट पर सवार होकर बंडालूर का दौरा भी किया।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार का संदेश
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने भी आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर पा बंदुरंग और वारकरी मौलिस को तर्पण दिया। उन्होंने राज्य में अच्छी बारिश, किसानों की समृद्धि, महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और महाराष्ट्र के विकास के लिए प्रार्थना की।
बंदरपुर का आषाढ़ी वारी महाराष्ट्र का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस वर्ष यह उत्सव मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विशेष रूप से मनाया जा रहा है। सरकार ने इस महोत्सव में युवाओं, महिलाओं और किसानों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करते हुए कई नई योजनाओं की घोषणा की है। यह त्योहार न केवल आध्यात्मिक महत्व रखता है बल्कि राज्य के विकास और लोगों के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
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